एनबीसीसी ने करें अपने पीछे कदम आखिर अब कैसे संवारा जाएगा लखनऊ का चारबाग स्टेशन ।
लखनऊ , ( कुलसूम फात्मा ) लखनऊ का चारबाग स्टेशन शानदार माना जाता है। उसकी बनावट ऐसी है की लोगों के मन को भा गई है और वह इसी खूबसूरती के कारण फेमस हो चुका है। योजना थी कि उसको विश्वस्तरीय बनाया जाए परंतु अब लगता है कि यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाएगी। इसका कारण यह है कि एनबीसीसी ने इस प्रक्रिया को पूर्ण करने से अपने कदम पीछे हटा लिए हैं।
असल में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित चार बाग नाम से फेमस रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना चल रही थी परंतु एनबीसीसी ने अपने कदम पीछे कर लिए है मसला ये था के एनबीसीसी को रेलवे ने अपनी जमीन लीज पर नीलाम कर के स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए धन को जुटाने के लिए चुना था परन्तु एनबीसीसी चारबाग स्टेशन के फिर से विकास की योजना से अपने कदम पीछे हटा चुकी है।
बताया जा रहा है की अब रेलवे दूसरी एजेंसी का चयन करेगा ,परंतु एनबीसीसी गोमती नगर के स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना को पूर्ण करने में लगा रहेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए एनबीसी से 360 करोड़ रुपए रेलवे की जमीन को नीलाम कर के इंतजाम करेगा इस बात की जानकारी उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने दी थी जब वह दौरे पर आए थे तो चारबाग स्टेशन का निरीक्षण करा था , तभी इस बात को उन्होने बताया था।
जब महाप्रबंधक से बातचीत की तो पता चला की इस स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने में टोटल 1800 करोड़ रुपए का खर्च होगा और एनबीसीसी के पश्चात जो नई एजेंसी को चुना जाएगा। तभी ये प्रोजेक्ट पूर्ण होगा और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में उन्होने बताया के अभी समय लगेगा। अधिकारियों की यदि माने तो रेलवे जिस रेट पर लीज पर जमीन नीलाम कर रहा है। वर्तमान समय में वह बहुत अधिक है और इस वजह से लोग नीलामी में भागीदारी नहीं लेना चाहते हैं।
उन्होंने बताया की इस प्रोजेक्ट को तकरीबन 2021 तक ही अब पूर्ण किया जा सकता है रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 2 मार्च 2018 में चारबाग रेलवे स्टेडियम तथा प्रोजेक्ट की नींव डाली थी।
उन्होंने इस प्रोजेक्ट की नीव स्टेशन के बाहर दो मंजिला भूमिगत पार्किंग तथा चारबाग रेल आरक्षण केंद्र से स्टेशन के आखरी तक भूमिगत रास्ता सभी प्लेटफार्म को कवर करते हुए लाइन के ऊपर से कानपुर से सभी प्लेटफार्म को जोड़ने वाला अंडर ग्राउंड रास्ता इसके साथ ही इसके लेटर और लिफ्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।