पिछड़े इलाके में अब इंडस्ट्री लगाना होगा आसान।
उत्तर प्रदेश, ( कुलसूम फात्मा ) छोटे जिले और पिछड़े इलाकों में अब व्यवसायियों के लिए व्यवसाय करना आसान होगा। क्योंकि यहां पर औद्योगिक इन्वेस्टमेंट के रास्ते खुल चुके हैं। छोटे जिले जैसे के पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड जैसे इलाकों में औद्योगिक इन्वेस्टमेंट की राह दिखाई दे रही है।
अब बिजनेसमैन बड़ी आसानी के साथ व्यवसाय कर सकेंगे मतलब की ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की कसौटी पर यह जिले परफॉर्मेंस अच्छी देंगे। वहीं देखा जाए तो वह जिले जिनकी स्थित पहले खराब थी। उनकी स्थिति अच्छी दिख रही है और जिन जिलों में उद्योग पहले से स्थिति थे उनकी पहले से खराब हो गई है।
और औद्योगिक विकास विभाग के जरिए जारी जनपदों की हर महीने रैंकिंग टोटल प्राप्त आवेदन और उनका जो वक्त मुहैया है उस समय में उनका डिस्पोजल शिकायतों का डिस्पोजल तथा इन्वेस्टर के फीडबैक के जरिए तय किया जाता है।
और सबसे विशेष बात तो यह है की देवरिया ए,श्रेणी में आ रहा है जो की 40 जिलों के अंतर्गत की सूची में है। इसके साथ ही प्रयागराज सातवें स्थान पर हैं। हालांकि बी, श्रेणी के 35 जिले में टॉप 4 के जिले आते हैं, जिसमें कौशांबी ,श्रावस्ती,कुशीनगर सिद्धार्थनगर ये पूर्वांचल के ही हैं इसके साथ ही लाइसेंस परमिट तथा एनओसी वक्त में मिलने पर इन्वेस्टर को सुकून के साथ फीडबैक मिला है। और इन्वेस्टर संतुष्ट हैं।
जाने पिछड़े इलाकों का परफॉर्मेंस।
इन्वेस्टर के आवेदन और तय वक्त में निस्तारण प्रतिशत में।
इन्वेस्टर के आवेदन निस्तारण प्रतिशत
देवरिया 2031, 93.21
प्रयागराज 4964 85.97
वाराणसी 5944 79.81
हरदोई, 3258 84.83
सीतापुर, 2354 83.14
कानपुर देहात 2313 79.55
बाराबंकी, 2817 81.97
अमेठी, 1158 81.43
बांदा 946 80.34
कुशीनगर। 1079 90.27