प्रदेश सरकार अब कुकरैल नाले को करेगी पवित्र।
लखनऊ, ( कुलसूम फात्मा ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल नाले को पाक साफ करने के लिए कार्य योजना बनाना प्रारंभ कर दीया है। इस को पवित्र करने के लिए शहर के आर्किटेक्ट से इसकी कार्ययोजना भी बनवा ली गई है।
जाने कैसा होगा सवारने के बाद कुकरैल नदी।
आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव कहते हैं कि यह 5 किलोमीटर क्षेत्र में होगा और नदी के पानी को साफ करने के लिए विशेष पौधे की तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। जिससे के बहाव के साथ-साथ पानी साफ सुथरा रह सके और इसके पश्चात एसटीपी भी यहां पर बनवाया जाएगा।
बताया कि फैजाबाद रोड से कुकरेल नदी के दोनों ओर का इलाका आने वाले समय में जगमगाया होगा
और बच्चों के खेलने के लिए इंतजाम भी रखे जाएंगे और यहां पर मल्टी लेवल पार्किंग बनेगी,
बटरफ्लाई क्लब भी बनाया जाएगा।
म्यूजिकल फाउंटेन को भी बनवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। बोटिंग जोन भी यहां पर बनेगा और छठ पूजा का प्लेटफार्म भी बनाया जाएगा।
नदी गंदगी के कारण हो गई है नाले में परिवर्तित।
नगर विकास मंत्री ने बताया कि इस नदी को जो नाले का नाम दे दिया गया है। सच में यह नाला नदी ही पूर्व में था और इसका परीक्षण करें। यदि तो कुकरैल नदी की कार्ययोजना भी प्रारंभ हो गई है। इसका प्रेजेंटेशन भी
हो चुका है। कई हिस्सों में इसे संवारा जल्द से जल्द जाएगा। बताया कि उन्होंने इसमें खास पौधे से यहां के गंदे पानी को साफ किया जाएगा जिससे कि यहां का पानी पवित्र हो सके। श्रीवास्तव से पता चला कि लखनऊ में पहली बार यह तकनीक अपनाई जाएगी।
कुकरैल नदी के बारे में जाने।
इस नदी से तकरीबन 43 नाले जुड़े हुए हैं और
इसकी लंबाई 16 किलोमीटर है।
गोमती नदी और कुकरैल नदी की दूरी 25 किलोमीटर है।
यह पानी के मूल स्थल कुकरैल जंगल से 9 किलोमीटर पीछे कुर्सी रोड के समीप स्थित था।
जहां पर 10 वर्ग किलोमीटर का भूगर्भ स्त्रोत था।
वर्तमान समय में कुकरैल नदी की स्थिति जाने।
इस में कचरा भरा रहने के कारण इसकी गहराई केवल डेढ़ मीटर ही रह गई है और कुर्सी रोड से बीच में 300 से 400 मीटर का भाग सूख चुका है।
जहां पर कुकरैल जंगल है जिसका पानी अभी साफ है लेकिन ङ्क्षरग रोड के समीप से इस में गंदगी होने लगती है।