हाहाकार वाली परिस्थिति :लखनऊ राजधानी मैं 224 कोरोना मरीज आईपीएस एवम मंत्री सहित 224 लोगो की कोरोना से संक्रमित केस की पुष्टि।
लखनऊ में लगातार कोरोनावायरस की मरीज की संख्या भयानक होते जा रही है हालांकि 224 केस की पुष्टि हुई तथा 3 लोगों की मृत्यु भी हो गई।
अभी तक मामले 3531 हो चुके हैं। राजधानी लखनऊ में कोरोना की भयावह स्थिति बनी हुई है आईपीएस नवनीत सिकेरा तथा मंत्री कमल रानी वरुण को कोरोना की पुष्टि की गई है।
हालांकि तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है अब इसके बारे में राजधानी में कहा जाए तो 48 लोगों की भी मौत हो चुकी है। वहीं 3531 लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं तथा कोविड-19 से संक्रमित लोगों की अस्पताल में भर्ती करने में खासी परेशानियां आ रही है कहां जा रहा है कि वहां पर यत्र तत्र व्यवस्था है कोविड-19 मरीजों की रखरखाव तथा उनके लिए डॉक्टर सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
तथा बेड की भी जद्दोजहद हो रही है। 
बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ मरीजों की जो मौत हुई है उसमें से कुछ बाहरी प्रदेश के भी मजदूर शामिल हैं और लखनऊ के तीन तथा बिहार के एक मरीज की मौत सिर्फ कोरोना वायरस के वजह से हो गई है।
लखनऊ के वासी मालवीय नगर 31 वर्षीय पुरुष की तबीयत खराब होने से जब उसकी कोरोना की पूर्ण जांच कराई गई तो करोना पॉजिटिव पाया गया उसे एक केजीएमयू में भर्ती कराया गया तथा संस्थान के डॉ सुधीर सिंह के मुताबिक मरीज में डायबिटीज व बीपी की समस्या थी ऐसे में कार्डियोपलमोनरी अरेस्ट हो गया इलाज के दौरान मरीज की सांसें थम गई वही लाल कुआं निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग की निजी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया उसकी भी मौत हो गई।
देखा जाए तो लखनऊ में मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है लगातार स्थिति भयावह बनती जा रही है।
और दिन प्रतिदिन हालात बद से बदतर होते जा रही है जिसे काबू करना बहुत ही अनिवार्य होता जा रहा है अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं इसे रोक पाना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन हो जाए।
हालांकि डब्ल्यूएचओ के द्वारा बताया गया है कि अगस्त में के वायरस का टीका तैयार हो जाएगा लेकिन यह पुष्टि अभी नहीं हुई है कि बिल्कुल यह आ ही जाएगा तो लोगों से अपील है।
तथा हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी कहना है जब तक वायरस का टीका नहीं आ जाता तब तक लोगों को धैर्य संयम का परिचय देते हुए सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क का उपयोग भरपूर मात्रा में करना चाहिए तथा उनको प्रदेश के लोगों की सहायता भी करनी चाहिए अन्यथा घर से बाहर ना निकले अनावश्यक इधर उधर ना घूमे क्योंकि एक बड़ी महामारी होने की वजह से लोगों में हवा के जरिए भी फैलती जा रही है।
तथा जो लोग पहले से ही ग्रसित बीमारी से हैं उनको यह बहुत जल्द ही अपनी चपेट में ले लेता है तथा उनकी मौत हो जाती है और उन्हें बचाया भी नहीं जा सकता प्रदेश में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
लोगों के पास पैसे नहीं हैं हॉस्पिटल में बैड नहीं है और इस्थिति बाद से बद्द्तर की तरह से बनता जा रहा है। एक देखा जाए तो बहुत ही दुर्भाग्य का समय है की कोरोना से लोग लड़ नहीं पा रहे हैं।
और कई लोग इसे मजाक में ले रहे हैं और इस वायरस को यूंही दत्त मारते हैं.
राजधानी के मालवीय नगर निवासी 36 वर्षीय पुरुष की तबियत खराब हो गई। उसकी जांच में काेरोना की पुष्टि हुई। 16 जुलाई को मरीज को केजीएमयू भर्ती कराया गया। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक मरीज में डायबिटीज व बीपी की समस्या थी। ऐसे में कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट हो गया। वेंटिलेटर पर इलाज के दरम्यान मरीज की सांसें थम गईं।
वहीं लाल कुआं निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग को लोकबंधु से निजी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसी दरम्यान उसकी मौत हो गई। वहीं शहर निवासी 64 वर्षीय मरीज को 16 जुलाई को भर्ती कराया गया शनिवार को उसकी मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में पहुंची मरीज को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। राजधानी में कोविड से मृतकों की संख्या अब 48 पहुंच गई है। इसके अलावा एक बिहार निवासी 47 वर्षीय महिला की भी मौत हो गई।
वही लखनऊ में आईपीएस अफसर भी इस कोरोनावायरस से नहीं बच पाए हैं।
राजधानी में शनिवार को मंत्रियों आईपीएस अफसर समेत 224 लोगों की कोरोनावायरस आईपीएस नवनीत सिकेरा को भी कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है।
वहीं राज्य मंत्री कमल रानी वरुण की जांच एक अस्पताल में कराई गई जहां उन्हें भी कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है उन्हें पीजीआई में भर्ती कराने का फैसला लिया गया है वही आईपीएस नवनीत सिकेरा को भी आनंदी वाटर पार्क के कोविड-19 में भर्ती कराया गया है।