लखनऊ:सीईओ अवनीश कुमार के अनुसार UPEIDA के बैठक में मिला है लखनऊ एक्सप्रेस-वे को हरी झंडी।

पूर्वांचल आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनने का रास्ता हो गया है साफ कई बड़ी ग्रामीण बैंकों ने दी सुकृति अब हो सकता है जल्द ही काम शुरू UPEIDA के बैठक में कई चीजें सामने खुलकर आई और कई चीजों पर खुलकर बात हुई।
देखा जाए तो सूत्रों के अनुसार बैंक ऑफ इंडिया हजार करोड़ और सेंट्रल बैंक इंडिया ₹500 करोड़ का लोन देने को तैयार है।
मीटिंग के दौरान दोनों बैंकों ने फैसला लिया है कि वह अपने तय सीमा पर लोन को प्रदान करेगी जिस वजह से पूर्वांचल आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे बनने में आसानी होगी। और जल्द से जल्द लोगों के लिए तैयार हो जाएगी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करेगी जिसका जिक्र बैठक में हुआ था।
अविनाश कुमार के अनुसार कई ऐसे बैंक हैं जो इस हाईवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनने के लिए राशि प्रदान करना चाहते हैं और कई कई बैंकों ने तय किया है मिलकर कि ₹10800 करोड़ का लोन दिया जाएगा लखनऊ में एक्सप्रेस-वे को।
सीईओ अविनाश कुमार के अध्यक्षता में हुई थी बैठक और उनके दौरान ली गई सारे फैसले हैं और कुछ बैंकों ने भी साथ मिलकर बैठक किया और फैसला उसी वक़्त लिया गया है।
बोर्ड ने भी दी मंजूरी आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे टोल को बेचने के लिए जिससे फायदा होगा सरकार।

सरकार को तय सीमा पर उनको एक मुश्त राशि मिल जाएगी और टोल प्लाजा जो है वह अपना वसूली करता रहेगा सरकार को इस से फायदा है।
कुछ में वर्षों में पूरा किया जायेगा बाकी के काम फैसला बैठक के दौरान यह भी लिया गया की किसी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देकर एक ओर से एक मुस्त रकम सरकार लेलेगी इस से किसी भी कार्यो में कम समय लेगी ताकि विकास कार्य में उसका इस्तेमाल किया जा सके। इसके लिए किसी अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
इसमें यह सारे फैसले को निर्धारित किया गया है और बताया गया है कि इस फैसले पर अमल किया जाए और यह नागरिकों की सुविधा के लिए और जो गाड़ियां आवाजाही होगी उनको मूलभूत की सुविधाएं प्रदान करें और किसी भी दिक्कत या परेशानी का सामना ना करना पड़े उन्हें खाने पीने की व्यवस्था का भी धयान रखा जाएगा।
साथ ही अविनाश कुमार ने यह भी जानकारी दी डिफेंस कॉरिडोर का काम भी साथ आगे बढ़ेगा मीटिंग के दौरान डिफेंस कॉरिडोर के लिए प्लान तैयार किया गया है और सरकार के समक्ष रखा गया है इसे मंजूरी दे दी गई है।

झांसी चित्रकूट अलीगढ़ और कानपुर में जमीन खरीद के प्रस्ताव मंजूर किया गया है और इस पर काम जोरों से चल रहा है।